श्राद्ध की धूप श्रद्धा की बात

डॉ. रचना पांडेभिलाई(छत्तीसगढ़)*********************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. श्राद्ध की धूप, श्रद्धा की बात,पितरों की याद, दिल की बातश्रद्धा के साथ, तर्पण का जल,पितरों की आत्मा को शांति का फल। पितरों की याद, दिल में बसी,श्रद्धा के साथ, उनकी आत्मा को प्यारश्राद्ध का दिन, पितरों का सम्मान,श्रद्धा के साथ, उनकी याद में जीवन। … Read more

सृजन देव वर दीजिए

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** सृजन देव वर दीजिए, आऊँ किसी के काम,जगह-जगह संग्राम छिड़ा, कैसे लगे लगाम ?एक युद्ध अभी खत्म न होता, दूजा है छिड़ जाता,वह भी खत्म न हो पाता, तीसरी जगह छिड़ जाता। लाखों लोग युद्ध में मर गये, लाखों हो गए घायल,माँगों का सिन्दूर मिट गया, चीख रही है पायलमात-पिता की लाठी … Read more

श्राद्ध हमारी श्रद्धा

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)… अंधेरे आकाश में अब टिमटिमाते तारों-सी,कुछ कहानियाँ परिजनों के मन में छुपी-सीवह कोई कर्मकांड नहीं, दिल के हैं एहसास,कहें श्राद्ध परन्तु यही रिश्तों में श्रद्धा खास। जब बंद हो ऑंखें, यादों का गाँव बस जाता,स्वर्गवासियों का स्नेहाशीष भाव याद आताउनकी वे बातें, … Read more

अभियन्ता प्रथम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हुआ जन्म संक्रान्ति में, कन्या भाद्र दिनांक।ब्रह्मा विश्वकर्मा पिता, अन्तिम दिन शुभांक॥ वसु प्रभास के आत्मज, योगसिद्ध सन्तान।कथा महाभारत विदित, हरिवंशी आख्यान॥ दुनिया अभियन्ता प्रथम, शिल्पकार संसार।देवलोक यांत्रिक प्रभो, महिमा अपरम्पार॥ नमन देव शिल्पी प्रभो, निर्माता संसार।सकल चराचर भूतगण, जीवन सुख आधार॥ वैज्ञानिक विज्ञान के, सकल यंत्र निर्माण।रची अलौकिक … Read more

चलो समय के साथ चलें

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ************************************************************* चलो समय के साथ चलें,चल सको तो दिन-रात चलेंसभी को लेकर साथ चलें,चलो समय के साथ चलें। समय सदा एक-सा ना रहता,परिवर्तनशील संसार है यह कहताइस परिवर्तन को अपनाए चलेंअब चलो समय के साथ चलें। परिवर्तन को जो ना अपना पाया,वह तो समय में पीछे छूटता गयापूर्व को देख वह … Read more

हिन्दी है अस्मिता

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** ‘हिन्दी’,मातृभाषा प्यारीभारत की पहचान,देश-विदेशसमरसता। ‘हिन्दी’,जन भावनालोकतंत्र का संदेश,भाषा हिन्दुस्तानआजादी। ‘हिन्दी’,सबको जोड़तीसबका हित करती,राष्ट्र भक्तिअस्मिता। ‘हिन्दी’,वैज्ञानिक भाषासहज व्याकरण परिमार्य,राजभाषा मधुरस्वीकार्य। ‘हिन्दी’,बोली विविधसंस्कृतियों का मेल,भारत एकतागुण। ‘हिन्दी’,अति विशालअनुपमेय साहित्य खदान,गद्य-पद्यखजाना। ‘हिन्दी’,संस्कृत सुताअनूठे तत्सम शब्द,देवनागरी अक्षरउपहार। ‘हिन्दी’,सबका दिलसाठ करोड़ पार,बने राष्ट्रभाषाजनमानस। ‘हिन्दी’,राजकाज भाषाशौर्य वीर स्वर,जन-मनस्वाभिमान। ‘हिन्दी’,तुलसी, सूरदासवाणी सगुण मिठास‌,मीरा बाईहृदय। ‘हिन्दी’,अलंकार नवरसरीति, प्रीति सद्नीति,नृत्य … Read more

एक मन कहाँ-कहाँ लगाएगा

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** एक मन तू कहाँ-कहाँ लगाएगा,भटकेगा भव में या प्रभु को पाएगा। भजन, भोज, प्रेम प्रभु से कर अकेले में,तभी इनकी रक्षा कर पाएगा।प्रभु का कोई एक रूप अपना बना ले,तुलसी-सा प्रेम कर पाएगा।एक मन तू कहाँ-कहाँ…॥ संसार नेत्रों से प्रभु दिख न पाएंगे,हृदय नेत्र उन्हें देख पाएगा।नित प्रेम से … Read more

हिन्दी हिन्दुस्तान की पहचान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मातृभाषा हिन्दी बहुल, विलसित देश-विदेश।लोकतंत्र जन भावना, समरसता संदेश॥ हिन्दी हिन्दुस्तान की, आजादी पहचान।सब जन सब हित जोड़ती, राष्ट्र भक्ति जय गान॥ वैज्ञानिक भाषा सहज, व्याकरणिक परिमार्य।राष्ट्र राजभाषा मधुर, बोधगम्य स्वीकार्य॥ हिन्दी में बोली विविध, संस्कृतियों का मेल।भारत संघी एकता, नवरस गुण गठमेल॥ अति विशाल हिन्दी परिधि, अनुपमेय साहित्य।गद्य-पद्य … Read more

श्रध्दा का मान हो

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. वह हमारे पितृ, हमारे लिए सब कुछ हैं,उनकी आशाओं पर हम सटीक बैठेंयही अभिलाषा है हम सभी की,श्राद्ध दिन में श्रध्दा का मान हो…। उनका दुनिया से चले जाना,पर दुनिया में उनके अधूरे कार्यों को पूरा करना हमारा फ़र्ज़ है हमारा धर्म है,श्राद्ध … Read more

‘भारत रत्न’ डॉ.मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** ‘अभियंता दिवस’ विशेष… भारतीय मूल के प्रथम अभियंता डॉ. विश्वेश्वरैया की झाँकी भर लें,याद उन्हें भी कर लें, उनकी भी बातों पर अपने अंदर आहें भर लें। मैसूर के विलक्षण प्रतिभाशाली मोक्षगुंडम थे अनमोल,अंग्रेजों ने ही समझ लिया ऐसे अभियंता का मोल। पढ़ाई ऊँची-शिक्षा ग्रहण करने की बने उनके उसूल,चिकबल्लापुर … Read more