बाक़ी अभी हैं खाइयाँ
अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)***************************************************************** दरमियां बाक़ी अभी हैं खाइयाँ।कह रही हैं चीख़ कर तन्हाइयाँ। मुल्क की खातिर बहा कितना लहू,सब भुला डाली गयीं क़ुर्बानियाँ। उनको अपने हुस्न पर…