विश्व विजेता भारतीय बेटियाँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* विश्व क्रिकेट के व्योम क्षितिज पर, विजय पताका लहरायी है,बेटियाँ बनी परवाज़ भारती, महिला क्रिकेट जय पायी हैबनी खिलाड़ी भारत बेटी रनों का है अम्बार लगायी,महिला क्रिकेट सुनहर अतीत लिख भारत शान बढ़ायी है। अथक प्रयासों का प्रतिफल शुभ प्रथम बार विजय दिलायी है,गौरवमयी गाथा क्रिकेट जग भारत महिला … Read more

देवसरे बाल साहित्य पुरस्कार:प्रविष्टि हेतु अंतिम मौका १५ नवंबर

नोएडा (उप्र)। हिंदी बाल साहित्य में अग्रणीय देवसरे बाल साहित्य पुरस्कार (७५ हजार ₹) में सहभागिता के लिए प्रविष्टि (ऑफलाइन) सम्मिलित करने की अंतिम तारीख १५ नवंबर है।न्यास से प्रदत्त जानकारी अनुसार यदि प्रविष्टि पहले ही सम्मिलित कर दी है तो अब कोई कार्रवाई आवश्यक नहीं है। प्रविष्टि को विधिवत रूप से ऑनलाइन एवं ऑफलाइन … Read more

हिन्दी को हो रही क्षति पर पुनर्विचार हेतु निवेदन

hindi-bhashaa

सेवा में,ज़ी बिज़नेस। विषय:- हिन्दी चैनल पर अंग्रेज़ी व रोमन लिपि के बढ़ते प्रयोग से हिन्दी को हो रही क्षति पर पुनर्विचार हेतु निवेदन। मान्यवर,सादर नमस्कार। मैं अभिषेक कुमार आपके चैनल का एक नियमित दर्शक और हिन्दी भाषा प्रेमी हूँ और आपके चैनल के माध्यम से शेयर बाजार को सीखने का प्रयास कर रहा हूँ। … Read more

मधुर मिलन

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** मधुर मिलन का शुभ दिन आयानव किसलय उपवन मुस्काया,धरा गगन का क्षितिज मिलन यहमुग्ध नयन किस पथ से आया। मृदु सुकुमार हृदय के सपनेसुधि से सुरभित किसी केअपने,मुग्ध पवन तू ले चल उस पथ धरा गगन जहाँ लगे हैं मिलने। शत वल्लरियाँ नत मस्तक हैंपुष्पों पर मधुकर गुंजन है,इन्द्रधनुष चितवन के ये … Read more

‘रेवड़ी संस्कृति’ लोकतंत्र का आधार नहीं

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** बिहार की राजनीति एक बार फिर चुनावी रंग में रंग चुकी है। हर चुनावी सभा में, गली-मोहल्ले से लेकर सोशल मीडिया तक मुफ्त रेवड़ियों की घोषणाओं और वादों की बाढ़ आई हुई है। यह चुनावी मौसम पहले की तरह इस बार भी ‘रेवड़ी संस्कृति’ से सराबोर है। महागठबंधन हो या एनडीए-दोनों गठबंधन … Read more

मिले मोक्ष

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पावन कार्तिक पूर्णिमा, जन्मदिन कार्तिकेय।शिव नंदन गिरिजा तनय, तारकसुर वध धेय॥ कार्तिकेय के नाम पर, रचना कार्तिक मास।विष्णु नारायण रूप में, करे शयन जलवास॥ देव उठनी मास यह, एकादशी महान।तुलसी वैवाहिक दिवस, मिले मोक्ष वरदान॥ पावन गंगाजल सरित, जो करे भक्ति स्नान।मिटे रोग मन शोक सब, मिले सुखद सम्मान॥ … Read more

ठहरता नहीं वक़्त

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ वक़्त चल रहा अपनी चाल,हर समय हर प्रहर हर घड़ीउसने चलना ही सिखाया हमें,क्योंकि वक़्त ठहरता नहीं किसी के लिए। संसार की इस जीवित सोच को,इंसान कभी नहीं देखता हैअगर वह नहीं चलेगा वक़्त के साथ,तो खत्म हो जाएगा सब कुछक्योंकि वक्त ठहरता नहीं किसी के लिए। ज़िन्दगी के इन … Read more

अंदर से खाली क्यों ?

बबीता प्रजापति झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** खुश बाहर से हो,अंदर से क्यों खाली ?क्या तुमने भी भाग-भाग कर,जीवन की दौड़ लगा ली…। ये अंतस की वेदना,और दु:ख सारे सहनाक्या विजय खुद पर पा ली!यदि नहीं तोचहुँ ओर देखो,सूखे वृक्ष पर छाई पुनः हरियाली…। स्थाई क्या रहा है जीवन में,मुरझाए फूल खिले उपवन मेंदु:ख आया फिर सुख आएगा,जीवन की … Read more

खिलखिलाती वादियाँ

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** चल पड़ी चुपचाप सन-सन-सन हवाडालियों को यों चिढ़ाने-सी लगी,आँख की पुतली अरे खोलो जराहिल कली को यों जगाने-सी लगी। पत्तियों ने चुटकियाँ झट दी बजाडालियाँ कुछ डुलमुलाने-सी लगी,किस परम आनंद-निधि के चरण पर,विश्व साँसें गीत गाने सी लगीं। जग उठा तरु-वृंद सुन यह घोषणा,रश्मियाँ कुछ झिलमिलाने-सी लगीं।हो रहे जीवंत सारे चर-अचर,वादियाँ अब … Read more

वृद्धाश्रम… ५० करोड़…

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ ट्रि.ट्रि.ट्रि…“अरे, सुयश आज इतने दिनों बाद मेरी याद कैसे आ गई ?’सौम्या कैसी हो तुम ?’’“मैं तो ठीक हूँ, सीधे-सीधे काम की बात करो।‘’“एक प्लान है, उसके लिए मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है।‘’“साफ-साफ बोलो, भूमिका न बनाओ।‘’“मेरे पास एक बिल्डर आया था। वह अपनी कोठी और बगीचे को तोड़ कर उस … Read more