अभिलाषा
डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)************************************************ उम्र के इस पड़ाव पर आकर,क्या कोई अधिकार नहीं जीने कासारी उम्र दबाती रहीभावनाओं को नहीं थी कोईवाह-वाह सुनने की उत्सुकता।बस रहती है एक आशा,कोई तो आकर सुने उसकी भी दांस्तादोहराना चाहती है वह कथाएं,जो बीतती थी उसके साथ,दबाती रहती थी अपने उद्गार।उम्र के इस ढलाव पर,बैठी रहती है सूनी आँखों मेंलेकर … Read more