‘मर्यादा’ कहानी हो चुकी

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सभ्यता के मापदंडों को चलो नीचे उतारें।नग्नता को अब नए श्रंगार शब्दों से पुकारें। जो फटे कपड़े पहनते मानते खुद को अगाड़ी,दिव्यतम है देह इनकी पूर्ण श्रद्धा से निहारें। तन प्रदर्शन हो गया है आजकल फैशन नशीला,देह इनकी है उसे वो जब जहां चाहें उघारें। वीरता की बात तो है चीथड़े … Read more