असफ़लता हमारी गुरु

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* जीवन पथ कीदुर्गम डगर पर,चलना पथिकसम्भल कर।पग-पग परमिलती है ठोकरें,पहुँचना चाहते होमंज़िल तक,तो कभी हालातों सेडरना नहीं।गिर भी जाओ तोकोई बात नहीं,पर गिरे ही मत रहनाउठ जाना औरसोचना क्यों गिरे ?जीवन मेंपग-पग पर,देने पड़ते हैं इम्तहांकभी सफ़ल तो,कभी असफ़ल…।कभी अपनीसफ़लता का अंहकार,न करनाऔर कभी अपनी,असफ़लता सेनिराश मत होना।कारण ढूंढना आख़िरअसफ़ल क्यों हुए … Read more