बात उसी की होती है
अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** घर बाहर हर ज़ुबान पर,बात उसी की होती हैघर आँगन में जब उसकी,चहल पहल-सी होती हैखुशबू-सी खिल उठती है। पैरों में जो पायल उसके,छुन-छुन आवाज करती हैमानो भोर…
अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** घर बाहर हर ज़ुबान पर,बात उसी की होती हैघर आँगन में जब उसकी,चहल पहल-सी होती हैखुशबू-सी खिल उठती है। पैरों में जो पायल उसके,छुन-छुन आवाज करती हैमानो भोर…
विचार गोष्ठी... नारनौल (हरियाणा)। 'मन चंगा, तो कठौती में गंगा' का उद्घोष करने वाले रविदास मानवीय चेतना-संपन्न संत और साधक होने के साथ एक क्रांतिकारी चिंतक भी थे। उनके द्वारा…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* रहे दास्तां यदि जीवित तो, पाती तब वह मान है।गौरव में जीवन की शोभा, मिलता नित यशगान है॥ दीन-दुखी के अश्रु पौंछकर, जो देता है सम्बलपेट…
सुल्तानपुर (उप्र)। सुल्तानपुर (उप्र)। सिंह एंड श्रीनिवासन उत्कर्ष ट्रस्ट द्वारा रचनाकारों से कलावती स्मृति उदीयमान रचनाकार सम्मान के लिए काव्य संग्रह आमंत्रित किए गए थे। निर्णायक मण्डल ने इसमें राजेश…
सुल्तानपुर (उप्र)। निहारिका साहित्य मंच और 'कंट्री ऑफ़ इंडिया' द्वारा ग़ज़ल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें प्रथम विजेता इंद्रजीत सिंह, द्वितीय निभा राजीव निवीं और तृतीय डॉ. रश्मि को…
हाल-ए-बंगाल... आसनसोल (पश्चिम बंगाल)। जनाक्रोश और विद्वानों के विरोध के चलते उत्तर बंग विश्वविद्यालय को स्नातक स्तर के अपने परीक्षार्थियों को हिन्दी में उत्तर लिखने पर लगी रोक वापस लेनी…
देवास (मप्र)। लेखिका संघ म.प्र.द्वारा वर्ष २०२२-२३ के पुरस्कारों की घोषणा करते हुए सद्य प्रकाशित कृति 'खिड़की' (लघुकथा संग्रह) को सुप्रतिष्ठित 'कृति पुरस्कार' हेतु चयनित किया गया है। लेखिका श्रीमती…
धन की देवी का आगाज, यह है समृद्ध नारी समाज। दया व विनम्रता है एक छिपा हुआ राज, नारी शक्ति की है एक उन्नत आवाज। दया, प्रेम और विनम्रता की…
लोकतंत्र की हत्या हो गई है, ये हत्या किसने की यह प्रश्न लेकर खड़ी है जनता, न्याय के दरबार में न्याय भी बिक चुका है, अन्याय के बाजार में। हमारा…
ऋतुएं तो आएं-जाएं पर, बसंत की बात निराली कंपकंपाती ठंड में लगे, चमचमाती धूप प्यारी। इंद्रधनुषी छटा बिखेरे, फूल खिले, क्यारी-क्यारी खेत कानन सब हरे हुए, हँस रही है सृष्टि…