महोदय,
सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने हाल ही में असंगठित क्षेत्र के मजदूर,लोक कलाकारों,फेरी वालों की शिकायतों के समाधान के लिए वेब पोर्टल (http://gms.eshram.gov.in/ gmsportal/#/portal/Home) बनवाया है। इस पोर्टल पर वही मजदूर शिकायत कर सकता है जिसे अंग्रेजों की अंग्रेजी का ज्ञान हो,ऑनलाइन फॉर्म-सूचनाएँ व ओटीपी व ई-मेल अलर्ट की सुविधा केवल अंग्रेजी भाषा में है। इस वेब पोर्टल पर उपलब्ध शिकायत फार्म को ऐसा कोई भी आम आदमी नहीं भर सकता है जिसे अंग्रेजी भाषा का ज्ञान न हो। क्या मंत्रालय के अधिकारी बताने का कष्ट करेंगे कि देश के किस कोने के मजदूर अंग्रेजी में काम-काज करते हैं,जो ऑनलाइन सेवाओं के नाम पर पूरे देश के ९९.९९ प्रतिशत मजदूरों पर सिर्फ अंग्रेजी थोप रहे हैं ?
यह पोर्टल केवल अंग्रेजी में इसलिए बनाया गया है, ताकि अंग्रेजी न जानने वाले देश के मजबूर मजदूर नागरिक अपनी शिकायत ही दर्ज न कर सकें। वेबसाइट पर हिन्दी भाषा में शिकायत दर्ज कराने पर खुली रोक है,लिखा है कि शिकायत फार्म में केवल अंग्रेजी के अल्फाबेट ही लिखे जा सकते हैं।
आपसे विनती है कि केवल चिट्ठी को उन तक भेजने तक सीमित न रहें,बल्कि ठोस कार्यवाही करें ताकि ई-श्रम के शिकायत पोर्टल को राजभाषा हिन्दी व भारत की सभी भाषाओं में शुरू किया जाए,लोगों को पोर्टल पर उपलब्ध फार्म को अपनी चुनी भाषा में भरने का विकल्प दिया जाए,ताकि किसी भी नागरिक के साथ अंग्रेजी के आधार पर भेदभाव न हो।
भवदीय
अभिषेक कुमार
रायसेन(मप्र)
(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन,मुंबई)