डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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यह सीख नहीं, एक सुंदर सौगात है,
जन-जन तक पहुंचाती आत्मसात है
भलाई करने वाले कुछ ही लोग होते हैं,
नेकी कर जो इसे दरिया में डाल देते हैं।
मजबूत इरादों से सनी शख्सियत बनें यहां,
भलाई करने में हम सब खूब लगें रहें यहां
यह जनमानस को हर पल देगा एक सन्देश,
नेकी कर दरिया में डाल देने का उच्च उपदेश।
हर हाल में पहुंच बनाई जाए,
लोगों को मदद कराईं जाए
मुश्किल वक्त में तन्हां नहीं रहे कोई-यह हो विचार,
नेकी कर दरिया में डालने का मन में एक संस्कार।
सफलता-असफलता अनुभव देती है खूब यहां,
नवोन्मेष शुरुआत करने वाले लोगों में हुब यहां
वक्त तकलीफ़-जंग का हो तो मददगार साबित हों,
नेकी कर दरिया में डाल देने वाला उत्साह हो मन में यहां।
हर पल हर क्षण बिना थके हुए हमें मदद करते रहना चाहिए,
दुःखी होकर रहने वाले लोगों की फ़िक्र करते रहना चाहिए
दुःख पर मददगार बन गए तो यह एक बहुत बड़ा उपकार है,
नेकी कर दरिया में डालने वाला सबसे सर्वोत्तम एक संस्कार है।
बुजुर्गों और बच्चों संग गरीब परिवार के लिए कुछ हम करें यहां,
मजलूम शख्सियत को यूँ ना छोड़ दें बन कर अनजान हम यहां
आज़ समर्पण और सम्वर्द्धन पर चर्चाएं जोरों पर चल रही है यहां,
नेकी कर दरिया में डाल देने वाली बातें अब कम होती है यहां।
थकावट दूर होती है अगर हम मजलूमों को सहारा देते हैं यहां,
सुसंस्कृत और उच्च विचार से ही यह भावना उत्पन्न होती रहती हैं यहां
आओ हम-सब मिलकर एक उन्नत प्रयास मजबूती से करें यहां,
ज़िन्दगी के सफ़र में आगे बढ़ने में मशगूल हो जाएं हम सब यहां।
समाज,प्रदेश और देश में सर्वत्र मदद वाली बातें स्वीकार्य हो यहां,
मजदूर और किसान को सब मिलकर खूब देंसम्मान यहां
विपरीत स्थिति में उन्हें मदद करने की एक मजबूत जरूरत है यहां,
नेकी कर दरिया में डालने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने में हम लगें यहां।
जिंदगी से जुड़े लोगों को साथ लेकर हमेशा चलना चाहिए यहां,
हर वक्त बदलती फिज़ा में खुशहाली करने की कोशिश चाहिए यहां।
बुलन्द हौंसले से सना हुआ शख्सियत एक सुंदर उपहार है,
नेकी कर दरिया में डालने का उपक्रम बहुत सुंदर संस्कार है॥
परिचय–पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।