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प्रतियोगिता हेतु ३१ तक लेंगे प्रविष्टि

इंदौर (मप्र)।

पत्रिका ‘देवपुत्र’ द्वारा आयोजित प्रतियोगिता एवं पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियाँ ३१ दिसम्बर २०२५ तक आमंत्रित हैं। केवल १ प्रविष्टि ही अपेक्षित है।
सम्पादक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सभी प्रतियोगिताओं के लिए सामान्य नियम है कि प्रविष्टि पर प्रतियोगिता, पुरस्कार का नाम अपना पूरा नाम, पता, पिनकोड एवं व्हाट्सएप नम्बर अवश्य लिखें। प्रविष्टि हेतु रचनाएँ सुवाच्य अक्षरों में हस्तलिखित अथवा कम्प्यूटर पर टाइप हों। प्रविष्टि संपादक (देवपुत्र -४०, संवाद नगर, इन्दौर-४५२००१ (म.प्र.) के पते पर डाक द्वारा अथवा मेल (editordevputra @gmail.com) करें।
इन्होंने बताया कि श्री भवालकर स्मृति कहानी प्रतियोगिता २०२५
(‘देवपुत्र’ के पूर्व व्यवस्थापक शांताराम शंकर भवालकर की स्मृति में) केवल कक्षा ४-१२ तक अध्ययनरत बालक-बालिकाओं के लिए ही है। बच्चे किसी भी मनपसंद विषय पर स्वयं की लिखी हुई कोई बाल कहानी इसमें भेज सकते हैं। पुरस्कार में प्रथम १५००, द्वितीय ११००, तृतीय १००० एवं प्रोत्साहन (२) ५०० ₹ है। इसी तरह मायाश्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार २०२५ (सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार स्व. डॉ. सरोजिनी कुलश्रेष्ठ की प्रेरणा से प्रायोजित) जनवरी २०२५ से दिसम्बर २०२५ के मध्य प्रकाशित हिन्दी बाल साहित्य की ‘यात्रा वृत्तान्त’ विधा के लिए निश्चित है। प्रविष्टि स्वरूप उक्त अवधि में प्रकाशित यात्रा वृत्तांत की प्रकाशित पुस्तक ३ प्रति में भेजना आवश्यक है। सर्वश्रेष्ठ पर पुरस्कार निधि ५००० ₹ होगी। ऐसे ही डॉ. परशुराम शुक्ल बाल साहित्य पुरस्कार २०२५ (वरेण्य बाल साहित्य सर्जक डॉ. परशुराम शुक्ल द्वारा स्थापित) हेतु इस वर्ष विषय ‘भारतीय कुटुम्ब व्यवस्था विषय पर केन्द्रित बाल कहानियाँ’ है। इस पर बाल कहानी प्रविष्टि स्वरूप भेजनी है। इसके लिए पुरस्कार प्रथम १५००, द्वितीय १२००, तृतीय १००० व प्रोत्साहन (२) ५०० ₹ है।