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श्रीराम

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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बसते कण-कण राम
राम नाम अभिराम,
चरणों में सब धाम
पूरे हों सब काम।

विष्णु के रूप राम
सुबह की धूप राम,
कितने अनूप राम
श्याम स्वरूप राम।

लक्ष्मण के प्रिय राम
हनुमन के हिय राम,
सिया की प्रीत राम
धर्म की जीत राम।

साँस का अंत राम
मृत्यु पर्यन्त राम
सबके महंत राम
सत्य का पंत राम।

धर्म का सार राम
शबरी दुलार राम।
भरत का त्याग राम
लखन अनुराग राम॥

परिचय– डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ने एम.एस-सी. सहित डी.एस-सी. एवं पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की है। आपकी जन्म तारीख २५ अक्टूबर १९५८ है। अनेक वैज्ञानिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित डॉ. बाजपेयी का स्थाई बसेरा जबलपुर (मप्र) में बसेरा है। आपको हिंदी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। इनका कार्यक्षेत्र-शासकीय विज्ञान महाविद्यालय (जबलपुर) में नौकरी (प्राध्यापक) है। इनकी लेखन विधा-काव्य और आलेख है।

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