सोनीपत (हरियाणा)। कल्पकथा साहित्य संस्था की १९८वीं ऑन लाइन काव्य गोष्ठी में सृजनकारों ने हास्य व्यंग्य और श्रृंगार रचनाओं से जोरदार समां बांधा। नकुड़ (उप्र) के विद्वान साहित्यकार सुनील कुमार खुराना की अध्यक्षता में यह हुई।
संस्था की संवाद प्रभारी श्रीमती ज्योति राघव सिंह ने बताया कि सामाजिक सद्भाव और प्रेम को समर्पित इस आयोजन में रायपुर (छत्तीसगढ़) के साहित्यकार प्रमोद पटले के साझा कहानी संकलन ‘कहानियों का संगम’ का विमोचन किया गया। आशुकवि भास्कर सिंह ‘माणिक’ और पवनेश मिश्रा के संचालन में कार्यक्रम का शुभारंभ नागपुर से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार विजय रघुनाथराव डांगे द्वारा गुरु वंदना, गणेश वंदना, एवं सरस्वती वंदना के संगीतबद्ध गायन के साथ हुआ। कार्यक्रम में श्री डांगे, श्री पटले, बिनोद कुमार पाण्डेय (बिहार), अवधेश प्रसाद मिश्र ‘मधुप’, दुर्गादत्त मिश्र ‘बाबा’, डॉ. श्रीमती मंजू शकुन खरे, राम बहाल सिंह, राम सनेही ओझा, रमेश चंद्रा गौतम, श्रीमती राधा श्रीशर्मा और पवनेश मिश्रा आदि ने काव्य पाठ किया।
उद्बोधन में श्री खुराना ने मुक्तकण्ठ से आयोजन की प्रशंसा करते हुए रचनाकारों को मंगलकामनाएं दी। कल्पकथा संस्थापिका श्रीमती राधा श्रीशर्मा ने ‘हास्य साहित्य और समाज का अभिन्न अंग है’ के विचार से सभी का आभार व्यक्त किया।
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