कुल पृष्ठ दर्शन : 24

You are currently viewing अपने को पहचान

अपने को पहचान

हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
************************************

तेरा अपना वजूद है,
तू कमजोर नहीं
फिर क्यों हार रहा है ज़िंदगी से,
अपने को पहचान।

नफ़रत के इस माहौल में,
तू राह मत भटक
आगे की सोच, क्यों परेशान है!
अपने को पहचान।

एक-दूसरे का सहारा बन,
जीवन में आगे बढ़
ज़िन्दगी है, दोबारा नहीं मिलती,
अपने को पहचान।

परेशानियों में तू हार मत मान,
संघर्ष ही जीवन की कहानी है।
जीत जाएगा एक दिन तू,
अपने को पहचान॥