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अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को समर्पित रही काव्य संध्या

काव्य गोष्ठी..

सोनीपत (हरियाणा)।

राष्ट्र प्रथम, हिन्दी भाषा, सनातन संस्कृति एवं सद साहित्य हेतु कृत संकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था परिवार ने विशुद्ध साहित्य संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में २२९वीं साप्ताहिक आभासी काव्य गोष्ठी आयोजित की। यह आयोजन अरावली पर्वतमाला के सम्मान और संरक्षण को समर्पित रहा, जिसमें देश-विदेश के अनेक विद्वान साहित्यकार जुड़े।
परिवार की संवाद प्रभारी श्रीमती ज्योति राघव सिंह ने बताया, कि साहित्य संस्थान से साहित्यकार देवेन्द्र सिंह की अध्यक्षता एवं आशु कवि भास्कर सिंह ‘माणिक’ (जालौन) के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम का शुभारंभ नागपुर के वरिष्ठ साहित्यकार विजय रघुनाथराव डांगे ने संगीतमय गुरु वंदना से किया। गोष्ठी में बिनोद कुमार पाण्डेय, डॉ. अंजू सेमवाल, आनंदी नौटियाल, सांद्रा लुटावन गणेश, ज्योति प्यासी, सुजीत कुमार पाण्डेय, गोपाल कृष्ण बागी, मनीष जोशी, डॉ. वेद प्रकाश भट्ट, किरण सुमन, माया शर्मा, शशि भूषण मिश्र शिवदास, श्रीमती राधाश्री शर्मा व पवनेश मिश्र आदि ने गरिमामय काव्य रचनाओं से वातावरण को ऊर्जान्वित किया। डॉ. श्रीमती जया शर्मा प्रियंवदा, गीतांजलि जोशी, अवधेश प्रसाद मिश्र ‘मधुप’, डॉ. श्रीमती मंजू शकुन खरे आदि ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में देवेंद्र सिंह ने आयोजन की सफलता पर संतोष प्रकट करते हुए कहा, कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि कल्पकथा और विशुद्ध साहित्य संस्थान जैसी संस्थाएँ ज्वलंत और सामाजिक मुद्दों को भी मुखर और सकारात्मक रूप से समाज के सामने ला रही हैं। अतिथि ‘माणिक’ ने साहित्यकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्राकृतिक संरचनाओं के संरक्षण और सामाजिक चिंतन से ओत-प्रोत ऐसे कार्यक्रम समाज में चैतन्यता के लिए आवश्यक है।
मनीष जोशी एवं पवनेश मिश्र ने मंच संचालन किया। कल्पकथा संस्थापक श्रीमती राधाश्री शर्मा ने धन्यवाद व्यक्त किया।