कुल पृष्ठ दर्शन : 19

You are currently viewing ‘आपरेशन सिंदूर’:सार्थक पहल और निर्णायक सन्देश

‘आपरेशन सिंदूर’:सार्थक पहल और निर्णायक सन्देश

ललित गर्ग

दिल्ली
***********************************

पहलगाम आतंकी हमले में सुहागनों के सिन्दूर को उजाड़ने वालों पर कड़ा प्रहार करते हुए ‘आपरेशन सिंदूर’ की सफलतम कार्रवाई हर भारतीय के सीने को गर्व से भरने वाली है। पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की कई सटीक, संयमित एवं नपी-तुली कार्रवाई पाकिस्तान को करारा सबक एवं सख्त संदेश है। निश्चित ही अब भारत की आत्मा पर होने वाले हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ‘आपरेशन सिंदूर’ में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े ९ ठिकानों को निशाना बनाकर पाकिस्तान में मौजूद ९० आतंकी को मारा गया। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए की गई, जिसमें २६ नागरिक मारे गए थे। भारत भीतर घुस कर मारता है, इस बार भी उसने बिना पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश किए आतंकवादियों को नेस्तनाबूद करने का कार्य किया, जो बहुत सराहनीय कदम है, गौरवान्वित करने और जोश से भर देनेवाली साहसिक एवं अनूठी घटना है।

‘आपरेशन सिंदूर’ से आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में एक सार्थक पहल हुई है। शांति का आश्वासन, उजाले का भरोसा भारत से ही क्यों किया जाता है, कब तक हम अपनी मानवीयता एवं संवेदनशीलता को दर्शाते रहेंगे ? इस बार समूचा देश एकजुट हुआ, उन्हें तो आतंक का माकूल जबाव चाहिए था, पाक में पोषित हो रहे आतंकवाद के लिए कठोर कार्रवाई चाहिए थी। सेना की इस कार्रवाई से न केवल भारत को, बल्कि समूची दुनिया को राहत की साँसें मिली हैं। इस कार्रवाई से भारत ने पाकिस्तान को बेहद सख्त और निर्णायक संदेश दिया है, कि अब आतंकवाद नहीं चलेगा। भारत ने किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया है। भारत ने लक्ष्यों के चयन में काफी संयम बरता है। आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइलों से हवाई हमला किया गया। इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाया था, क्योंकि हिंदू पर्यटकों की नृशंस हत्या के बाद यह जवाब भारतीय बहनों एवं सुहागिनों के लिए एक उचित प्रतिशोध है, जिन्होंने बर्बर आतंकी हमले में अपने पतियों को खो दिया।
भारत के बदले की कार्रवाई का समय भी महत्वपूर्ण है। वायु हमला हिंदू परिवार में मौत के बाद शोक के १३ दिन (तेरहवीं) के बाद हुआ और हमारी बहनों एवं पीड़ितों को उचित न्याय मिला है। आगे भी भारतीय सेनाएं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं। अब भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के अपने संकल्प पर दृढ़ है। पाकिस्तान की बहानेबाजी एवं आतंकवाद को लगातार प्रोत्साहन और पल्लवन देने की स्थितियों को देखते हुए यह आवश्यक हो गया था कि न केवल सबक सिखाया जाए, बल्कि यह संदेश भी दिया जाए कि भारत अब उसकी चालबाजी में आने वाला नहीं है।
यदि भारत ने पल-पल पनप रहे आतंकवाद को सबक नहीं सिखाया तो वे पुलवामा, उरी, पहलगाम जैसी दुखद घटनाओं को अंजाम देते रहेंगे। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सच्चे राष्ट्रभक्त एवं राष्ट्रनायक की भांति आतंकवाद की अनिर्णायक स्थिति में निष्पक्षता एवं कठोरता का भाग अदा किया हैै। अब तक हमने सदैव “क्षमा करो और भूल जाओ” को वरीयता दी है। यही कारण है कि आतंकवाद बढ़ता गया, आतंकवादी पनपते गए, निर्दोष लाशें बिछती रही। अब यह वक्त बताएगा, कि पाकिस्तान कोई सही सबक सीखता है या नहीं, लेकिन इसमें दोराय नहीं कि बड़े आतंकी अड्डे पर हमला करके हमने यह बता दिया कि भारत के सहने की एक सीमा है, धैर्य का बांध टूट गया है। पाकिस्तानी सेना की उन्मादी मानसिकता एवं विकृत सोच को हम जानते हैं कि वह अपनी गंदी चालों से बाज नहीं आएगा, लेकिन भारतीय सैन्य बल के सामने वह टिक नहीं पाएंगे। जाहिर है कि पाकिस्तान बड़े-बड़े दावे करेगा और दुनिया के सामने ‘पीड़ित पत्ता’ खेलने की कोशिश करेगा, लेकिन पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश मिल गया है भारत के साथ खिलवाड़ न करें। फिलहाल पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय मिल गया है।
पाकिस्तान ने संयम एवं इंसानियत को छोड़ दिया है। उसने मर्यादा और सिद्धान्तों के कपड़े उतार कर नंगापन ओढ़ लिया है। पूर्वाग्रह एवं आतंकवादी अहंकार के कारण वह विवेकशून्य हो गया है। उसको एवं उसके द्वारा पोषित आतंकवाद को परास्त करना जरूरी था, उसको परास्त करने का अर्थ उसे काबू में कर सही रास्ते पर लाना नहीं, बल्कि आतंकवाद नेस्तनाबूद करना है। अब भी यदि वह सबक नहीं सीखता है तो उसका संकट बढ़ सकता है। भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन पाक युद्ध की मानसिकता से ग्रस्त है। उसे यह भी समझ आना चाहिए कि परमाणु बम के इस्तेमाल की उसकी धमकियाँ अब काम नहीं आने वाली हैं। आतंकवाद के शमन का रास्ता खोल कर भारत ने दुनिया को भी आश्वस्त किया है कि अब आतंकवाद के दिन लद गए हैं। भारत की कार्रवाई इस दिशा में एक सार्थक पहल है कि जिसने आतंकवाद के पैर ले लिए हैं, उसे पंगु बना दिया है। यह निश्चित ही सम्पूर्ण मानवता के लिए उजली सुबह की आहट है।
सफल हवाई हमले को अंजाम देने के बाद भारत दुनिया को यह संदेश देने में भी कामयाब रहा कि उसने पाकिस्तान को निशाना बनाने की बजाए उसके यहाँ कायम आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। वायुसेना ने अपनी पराक्रम क्षमता और साहस का जो परिचय दिया, वह पाकिस्तान के साथ विश्व समुदाय को भी एक संदेश है। अब पाक को यह भय भी सताएगा कि उसकी ओर से भारत के खिलाफ कोई कदम उठाया गया तो उसे कहीं अधिक करारा जवाब मिलेगा। उस जबाव का अर्थ होगा पाकिस्तान के सम्मुख संकटों के पहाड़ खडे़ होना, अर्थ-व्यवस्था ध्वस्त होना, जन-जीवन का परेशान होना, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ना। अब भारतीय सेना को और भी ज्यादा मुस्तैद रहना होगा, ताकि पाकिस्तान की तरफ से अगर कोई जवाबी कार्रवाई होती है, तो उसका हमारी सेना मुँहतोड़ जवाब दे सके।