डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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रूस-यूक्रेन विशेष….
विश्व युद्ध का,
खतरा बरकरार है
यह युद्ध नहीं है बल्कि,
विश्व मानवता पर
क्रूर अत्याचार है,
वैश्विक शांति पर
कठोर प्रहार है,
वैश्विक संकेतों से
दिखता घोर और कष्टमय,
अनन्त अनाचार है।
ज़िन्दगी में यहां न,
ज़मीन कहीं जाएगी
सारी दुनिया की जमीं,
यहीं रह जाएंगी।
कौन है जो यह,रन
सम्हाल गया है यह मंजर ?
जनमानस को सिर्फ,
दुःख पहुंचाती है यह लहर
मजबूत देशों को,
भी नहीं यहां दिखती ख़बर
मजबूती से खड़े रहने वाले,
पर नहीं दे रहे हैं ध्यान
बरसात करने में,
भिड़े पड़े हैं कहर।
वैश्विक समुदाय का,
आज़ खूब है जरूरी
यहां समर्थन,
वैश्विक सम्मान और प्रतिष्ठा
पाईं तभी जा सकेगी,
युद्ध की घड़ी में परिवर्तन।
तीसरी जंग न बने यह,
विश्व युद्ध की यहां
शान्ति और अहिंसा का मार्ग,
हमें खोजना होगा यहां
यूएनओ अब मिथ्या,
बन चुका है यहां
‘वीटो’ पावर का ही अब,
खूब खेल चलता है यहां।
मजबूत देशों की दादागिरी,
अब खत्म करनी होगी
वैश्विक शांति के लिए,
वैश्विक स्तर पर अब।
हमें मजबूती से,
पहल करनी होगी॥
परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।