उर्मिला कुमारी ‘साईप्रीत’
कटनी (मध्यप्रदेश )
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गुरु पूर्णिमा विशेष…
गुरुओं को नमन हमारा है हमने शीष झुकाया है,
आशीर्वाद से स्नेह पाकर हमने जीवन बनाया है…।
प्रथम गुरु माता और पिता को भी नमन हमारा है,
उंगली पकड़ और पीठ बैठाकर जिसने चलना सिखाया है…।
हाथ जोड़कर विनय हमारी गुरु का दिया ज्ञान सागर है,
गुरु-ज्ञान के पथ पर चलकर हमने जीवन संवारा है…।
जिससे गुरु की शिक्षा पाकर भव सागर को पार किया,
उसकी जीवन धारा निर्मल बन सुख का उपभोग किया…।
गुरु के बताए ज्ञान से जिसने लक्ष्य को प्राप्त किया,
भव सागर से वही पार उतरा, जिसने गुरु सम्मान बढ़ाया…।
गुरु पूजन करके जिसने आराध्य का दर्शन किया,
सौभाग्यशाली शिष्य है, जो श्रीचरणों पर राज किया…।
‘उर’ से नमन-अभिनंदन सभी गुरु ओं का, जिसने शिक्षा दी,
गुरु के बताए सदमार्ग पर चलकर हमने उनसे दीक्षा ली…॥