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चलो इस दिवाली…

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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रोशनी से जिंदगी…

चलो इस दिवाली,
कुछ नया करें…
जो है शोषित,पीड़ित,
दरिद्रता से लाचार
उनके घर उजास करें,
चलो इस दिवाली…।

कुछ उनके लिए करें,
जो है वंचित, रुग्ण, रसहीन
अंधकार से अभिशप्त,
उनके रिक्त स्थान भरें।
चलो इस दिवाली…

सदियों से जिनकी झोपड़ी में,
छाया है घना अंधेरा
सायं-सायं होती है गलियारों में,
एक दीया वहां भी धरें।
चलो इस दिवाली…

जो दीन-हीन चीथड़ों में लिपटे,
दो वक्त की रोटी को भटके
उनके बच्चों को गले लगा कर,
अन्तर्मन से प्यार करें।
चलो इस दिवाली…

सिकुड़ बैठे हैं एक कोने में,
टपक रही छान ओस बूंदों से,
जो आस लगाए बैठे हैं,
उनको भी कुछ दान करें।
चलो इस दिवाली…॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।