सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
**********************************
चाँद मेरे हो तुम
चाँदनी मैं तेरी,
राग तुम हो मेरे
रागिनी मैं तेरी।
तुम हो दीपक अगर
मैं तो बाती बनी,
तुम हो गुनगुन भँवर
माला सुरभित बनी।
तुम जो आकाश हो
मैं हूँ शीतल धरा,
तुम अगर जाम हो
मैं हूँ प्याला भरा।
हूँ तेरे साथ मैं,
साथ तुम हो मेरे।
स्वप्न होते मेरे
अब पूरे अधूरे।
गीत मैं हूँ तेरी,
मीत मैं हूँ तेरी।
है समर्पण मेरा,
प्रीति मैं हूँ तेरी॥
