ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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रोजमर्रा की जिंदगी से,
ऊब गया हूँ
अब कुछ नया करने की,
सोच रहा हूँ।
सोच रहा हूँ गरीबों के लिए,
कुछ दान करूँ
घर आए भिखारी का,
सम्मान करूँ।
अनपढ़ और अनाथ बच्चों को,
मुफ्त में शिक्षा दूं
जरूरत की चीजों से,
उनका घर भर दूं।
बिना माँ-बाप की बेटी का,
कन्यादान करूँ
उसके सूने आँगन को,
खुशियों से भर दूं।
अनाथ घूम रहे बुजुर्ग को,
नया आश्रय दे दूं,
उनकी खुशियों की खातिर,
कोई संगीत सुना दूं।
अत्याचार हुए जिन बहनों पर,
उनको न्याय दिला दूं।
सच्चाई के मार्ग पर चलकर,
एक नया इतिहास बना दूं॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।