डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’
जोधपुर (राजस्थान)
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जब-जब भी जग ने उसका तिरस्कार किया है।
तब-तब कोई नारी ने चमत्कार किया है।
इस वास्ते दुनिया ने गुनहगार किया है।
इक शख्स से क्यूँ इतना मैंने प्यार किया है।
जिस्मों के साथ ही न अत्याचार किया है।
जज़्बात का भी उसने बलात्कार किया है।
अब जा के कोई उसने हद को पार किया है।
बरसों इसी का ही तो इंतजार किया है।
जो चाहे कर ले दुनिया, दुनिया से डर नहीं है,
हाँ प्यार किया है, तो क्या है प्यार किया है।
क्या क्या वो मरहले थे ‘शाहीन’ से पूछो,
दहका हुआ दरिया भी उसने पार किया है॥