अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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गुरु महान
दिखाया हर मार्ग
करूँ प्रणाम।
गुरु अपार
दिया जग का ज्ञान
कोटि नमन।
प्रीति से भरे
नि:स्वार्थ रहे सदा
गुरु वे खरे।
दिखाते राह
गुरु बिना न ज्ञान
करें शिक्षित।
मान दिलाया
सर्वश्रेष्ठ हो आप
गुरुवे नमः।
बनाते पथ
सफलता दिलाते
जीवन रथ।
करूँ कामना
सदा मिले आशीष
झुकाऊँ शीश।
भवसागर
गुरु दिशा-निर्देश
तरते शिष्य।
गुरु ईश्वर
करें ध्यान प्रार्थना
मानें उनकी।
‘गुरु पूर्णिमा’
आओ करें वंदन
शुभकामना॥