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भव्य गणतंत्र हमारा

अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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भव्य निराला
गणतंत्र हमारा
गर्व करिए।

राष्ट्र से जन
सदा देश प्रथम
गर्व करिए।

नया सबेरा
छब्बीस जनवरी
मन प्रसन्न।

है खुशहाली
यूँ बनकर शक्ति
मिले हैं आज।

पावन पर्व
गणतंत्र दिवस
बजाओ ढोल।

स्वतंत्र हम
उत्तम संविधान
विश्व मानता।

प्रतिभावान
सभ्य संस्कृति मूल्य
ख्याति महान।

हम दीवाने
प्रखर गणतंत्र
प्रबल हम।

पाकर स्नेह
प्रेम हमेशा देते
दोस्ती कीजिए।

मन से मन
सदा ही की मदद
पुण्य लीजिए।

आदर्श-रक्षा
नींव है भारत की
है अनेकता।

भव्य भारत
है अनुपम गाथा
कोई न दूजा।

विश्व करता
भारत का आह्वान
है विश्व गुरु।

खास संस्कृति
उद्देश्य सदा शांति
साथ रहिए।

उन्नति करें
बाधाओं से क्या डर
साहस रखें।

अखंड राष्ट्र
संतान माँ भारती
रहो हर्षित।

मान तिरंगा
सदा मांगे आहुति
बढ़े भारत॥