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युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन देंगी डॉ. नलिनी की रचनाएँ, प्रासंगिक भी

लोकार्पण…

इंदौर (मप्र)।

वर्तमान युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन देगी डॉ. नलिनी की रचनाएँ। इनकी रचनाएँ भीड़ से अलग, पठनीय और प्रासंगिक हैं।
यह उद्बोधन वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा इंदौर में जन्मी और शिक्षित हुई गुरुग्राम वासी डॉ. नलिनी भार्गव के प्रथम काव्य संग्रह ‘लिखी कागद कोरे’ के लोकार्पण अवसर पर दिया गया। हिंदी परिवार इंदौर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्था के अध्यक्ष हरेराम वाजपेयी ने कृतिकार व अतिथियों का परिचय दिया। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सरोज कुमार ने कहा, कि संग्रह की रचनाएँ अति विशिष्ट है। यह मेरी विद्यार्थी रही है और रचनाओं को पढ़कर मुझे बहुत गर्व हो रहा है। ये रचनाएँ निश्चित रूप से विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन का काम करेंगी। मुख्य अतिथि प्रो. सुबंधु दुबे ने कहा कि नलिनी जी की रचनाएँ भावपूर्वक एकत्व भाव को जगाती है। सारगर्भित समीक्षा प्रस्तुत करते हुए डॉ. वसुधा गाडगिल ने कहा, कि कृति की रचनाएँ जहां मानस रचयिता तुलसी दास की याद दिलाती है, वहीं भारतीय संस्कति व ऋषि-मुनियों पर लिखकर संस्कार और संस्कृति को जीवंत बनाए रखने का सार्थक प्रयास किया है। लेखिका ने भी भावना व्यक्त की एवं संकलन में से चिट्ठी और माँ पर रचनाएँ पढ़ी, जो श्रोताओं पर अपना प्रभाव डाल गई। स्वागत डॉ. भार्गव व पति उमेश भार्गव ने किया। लेखिका का स्वागत प्रदीप ‘नवीन’ व डॉ. अरुणा सराफ आदि ने किया।
आभार संस्था सचिव संतोष मोहंती ने व्यक्त किया।