रश्मि लहर
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
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ये बादल के चाँद-सितारे,
नानी के किस्सों से हारे।
धूप कड़ी है मत झुलसो तुम,
वृद्ध वृक्ष की छाँव पुकारे।
जारी सफ़र सदा ही रखना,
चींखें ना ये घाव तुम्हारे।
जबसे तुमने मुड़ना छोड़ा,
राह निहारें गाँव बेचारे।
आलिंगन बस करके जाना,
जननी तुम पर जीवन वारे।
पलक झुकाकर ही रोना,
आँसू ना दुनिया से हारे।
प्यार चाँद का झूठा है ये,
जाने कितने टूटे तारे।
अगर आत्मा की वो सुन ले,
फिर ना भटके मारे-मारे॥