अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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भगत सिंह
शेर था पंजाब का
क्रांति साँस थी।
तोड़ी जंजीर
थी आज़ादी की प्यास
हुआ शहीद।
देश ही चाह
चढ़ा हँसते फाँसी
दे दी कुर्बानी।
हमें सिखाया
लड़ो वतन वास्ते
होगे स्वतंत्र।
निर्भीक वीर
देश ही अभिलाषा
की सच्ची सेवा।
देखा सपना
स्वतंत्र भारत का
बाँध कफ़न ।
होता आह्वान
हर दिल में यही
वाकई वीर।
वीर महान
थे न्यौछावर प्राण
सादा इंसान।
बनना होगा
फिर हमें देश का
सच्चा भगत॥