रश्मि लहर
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
**************************************************
समय सुन रहा है,
निर्जीव से
अवसादी कदमों की आहट।
राजनीतिक उलटबासियाॅं,
भविष्यत् भूमि की उर्वरता को
बंजर बना रही हैं।
समाज,
आत्ममुग्धता के रोग से ग्रस्त है।
देश
उन्नति के नारे सुनकर मस्त है॥