कुल पृष्ठ दर्शन : 214

You are currently viewing सौहार्द्र और गौरव

सौहार्द्र और गौरव

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
***********************************

उन्नति, प्रगति और विकास,
तीन रंगों से सराबोर
देश को मजबूत बनाने में,
मददगार साबित होती है
सफलता और समृद्धि में वृद्धि,
इसी आधार पर
संयमित और अनुशासित होती है।

राष्ट्रीय चरित्र को उजागर करने में,
सबको सम्मिलित करना होगा
राष्ट्रीय चेतना को जागृत कर,
हमेशा आगे बढ़ते रहना होगा।

यहां सबकी सहमति-इच्छा,
सम्मान और आदर
हमें करना चाहिए,
मजबूत इरादों से सना
भारत बनाने वाले लोगों को यहां,
सम्मान और आदर देना चाहिए।

अपनत्व और लगाव इसकी,
महत्वपूर्ण पहचान है
भारतीय संस्कृति में सशक्त और समृद्ध,
बनाने में कामयाब लोगों को
दिल से खूब देना प्यार,
और सम्मान है।

सौहार्द्र है तो गौरव है,
जिन्दगी का अद्भुत सौरभ है
राष्ट्रीय अस्मिता को लेकर,
हमें जागरूक रहना ही
आत्मिक शांति का गौरव है।

षड्यंत्रकारी तत्वों को बाहर निकाल,
देश को समृद्ध बनाना होगा
समृद्ध विरासत से सना व्यवहार,
हमें अपनाना होगा।

आज कुछ कुत्सित मानसिकता,
देश के विरूद्ध हो गई है
बच्चों को तरह-तरह की गलत बातों को,
उनके मन में भिगो रही है।

आओ हम-सब मिलकर,
एक सम्पूर्ण संस्कार से
सौहार्द्र और गौरव को,
पुनर्जीवित करने में लग जाएं।
भारतीयता को सुरक्षित रखने में,
हर पल हर क्षण अपने कदम बढ़ाएं॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

Leave a Reply