कुल पृष्ठ दर्शन : 192

You are currently viewing ज़िन्दगी एक अज़ाब

ज़िन्दगी एक अज़ाब

रेणू अग्रवाल
हैदराबाद(तेलंगाना)
************************************

ज़िन्दगी एक अज़ाब बनकर रह गई।
ख़्वाहिशों का ख़्वाब बनकर रह गई।

हसरतों के दायरों में जी रहा था सच में,
सैंडविच का क़बाब बनकर रह गई।

मैं मैं न रहा अब तुम तुम ना रही,
वक़्ती साँसों का हिसाब बनकर रह गई।

दिन रात में कितना भी फ़र्क़ कर लूँ मैं,
अंधेरों उजालों का जवाब बनकर रह गई।

ख़्वाबों ख़यालों की दुनिया में घूमते ही रहे,
हक़ीक़तों में दूर का माहताब बनकर रह गई।

दुधारी तलवार पे चलना था ज़रूरी,
ज़मीं की ख़ुशी आफ़ताब बनकर रह गई।

गुनाह से हमेशा दूर ही रहती थी मैं,
ख़ुशी ही ‘रेणू’ का सवाब बनकर रह गई॥

परिचय-रेणू अग्रवाल की जन्म तारीख ८ अक्टूबर १९६३ तथा जन्म स्थान-हैदराबाद है। रेणू अग्रवाल का निवास वर्तमान में हैदराबाद(तेलंगाना)में है। इनका स्थाई पता भी यही है। तेलंगाना राज्य की वासी रेणू जी की शिक्षा-इंटर है। कार्यक्षेत्र में आप गृहिणी हैं। सामाजिक गतिविधि के तहत समाज में शाखा की अध्यक्ष रही हैं। लेखन विधा-काव्य(कविता,गीत,ग़ज़ल आदि) है। आपको हिंदी,तेलुगु एवं इंग्लिश भाषा का ज्ञान है। प्रकाशन के नाम पर काव्य संग्रह-सिसकते एहसास(२००९) और लफ़्ज़ों में ज़िन्दगी(२०१६)है। रचनाओं का प्रकाशन कई पत्र-पत्रिकाओं में ज़ारी है। आपको प्राप्त सम्मान में सर्वश्रेष्ठ कवियित्री,स्मृति चिन्ह,१२ सम्मान-पत्र और लघु कथा में प्रथम सम्मान-पत्र है। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-गुरुजी से उज्जैन में सम्मान,कवि सम्मेलन करना और स्वागत कर आशीर्वाद मिलना है। रेणू जी की लेखनी का उद्देश्य-कोई रचना पढ़कर अपने ग़म दो मिनट के लिये भी भूल जाए और उसके चेहरे पर मुस्कान लाना है। इनके लिए प्रेरणा पुंज-हर हाल में खुशी है। विशेषज्ञता-सफ़ल माँ और कवियित्री होना है,जबकि रुचि-सबसे अधिक बस लिखना एवं पुरानी फिल्में देखना है।

Leave a Reply