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सम्मान

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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माँ तेरे चरणों में पाया,
अक्षय धन सम्मान है।
तुझसे ही ये बेटा तेरा,
तुझसे आज जहान हैll

धरती की खातिर ही मैंने,
अपना सब कुछ वार दिया।
मरते दम तक तन को अपना,
न्योछावर हर बार किया॥
मातृ भूमि की लाज बचाने,
में अपनी ही शान है।
माँ तेरे चरणों में पाया…।

नारी से दुनिया है भाई,
नारी से घर द्वार है।
बुरी नजर से कभी न देखो,
देवी का अवतार हैll
नारी माता नारी बेटी,
नारी बहन समान है।
माँ तेरे चरणों में पाया…।

इज्जत करके इज्जत पाना,
सबका यह शुभ काम हो।
आओ प्यारे करें वन्दना,
युग-युग अपना नाम होll
आन बान अरु मान बचाना,
स्वाभिमान अभिमान है।
माँ तेरे चरणों में पाया…।