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पिता

डॉ.नीलम कौर
उदयपुर (राजस्थान)
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हाँ पिता हूँ मैं,
समाज की दकियानूसी
सोच का कायल,
चंद नारों में या
निनादों में,
‘बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ’
का कायल हो कर भी
मोक्ष की चाहत में,
पुत्र-लालसा रखता हूँ।

कहीं कोई बेटी की,
खून से लथपथ
लाश देख कर भी,
खून नहीं खौलता मेरा
बल्कि कछुए-सा मैं,
अपने खोल में
छुप जाता हूँ।

सच कहूँ तो…
पुरूष हूँ न,
झूठी मर्दानगी दिखाने
की खातिर,
माँ की कोख को
बेटी की कब्र,
बनाते भी मन
विचलित नहीं होता,
ऐसा दिखाता हूँ।

पर सच कहूँ तो,
पिता हूँ,काष्ठ नहीं
हृदय में मेरे भी,
बहती है निर्मल-निर्झरिणी
भीगती है आँख भी,
बस एकांत में
बहती हैं।

सच पुरूष हूँ,पिता हूँ,
पर बेटी का नहीं…
बेटे का॥

परिचय – डॉ.नीलम कौर राजस्थान राज्य के उदयपुर में रहती हैं। ७ दिसम्बर १९५८ आपकी जन्म तारीख तथा जन्म स्थान उदयपुर (राजस्थान)ही है। आपका उपनाम ‘नील’ है। हिन्दी में आपने पी-एच.डी. करके अजमेर शिक्षा विभाग को कार्यक्षेत्र बना रखा है। आपका निवास स्थल अजमेर स्थित जौंस गंज है।  सामाजिक रुप से भा.वि.परिषद में सक्रिय और अध्यक्ष पद का दायित्व भार निभा रही हैं। अन्य सामाजिक संस्थाओं में भी जुड़ाव व सदस्यता है। आपकी विधा-अतुकांत कविता,अकविता,आशुकाव्य और उन्मुक्त आदि है। आपके अनुसार जब मन के भाव अक्षरों के मोती बन जाते हैं,तब शब्द-शब्द बना धड़कनों की डोर में पिरोना और भावनाओं के ज्वार को शब्दों में प्रवाह करना ही लिखने क उद्देश्य है।

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