अंकुर सिंह
जौनपुर(उत्तर प्रदेश)
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हे विद्यादायिनी! हे हंसवाहिनी,
करो अपनी कृपा अपरम्पार।
हे ज्ञानदायिनी! हे वीणावादिनी,
बुद्धि दे,करो भवसागर से पार॥
हे कमलवसिनी!, हे ब्रह्मापुत्री,
तम हर,ज्योति भर दे।
हे वसुधा,हे विद्यारूपा,
वीणा बजा,ज्ञान प्रबल कर दे॥
हे वाग्देवी!,हे शारदे,
हम सब हैं,तेरे साधक।
हे भारती!,हे भुवनेश्वरी,
दूर करो हमारे सब बाधक
हे कुमुदी!,हे चंद्रकाति,
हम बुध्दि ज्ञान तुझसे पाए।
हे जगती!,हे बुद्धिदात्री,
हमारा जीवन तुझमें रम जाए॥
हे सरस्वती!,हे वरदायिनी,
तेरे हाथों में वीणा खूब बाजे।
हे श्वेतानन!,हे पद्यलोचना,
तेरी भक्ति से मेरा जीवन साजे॥
हे ब्रह्म जाया!,हे सुवासिनी,
कर में तेरे ग्रंथ विराजत।
हे विद्या देवी!,हे ज्ञान रूपी,
ज्ञान दे करो हमारी हिफाजत॥