उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश)
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अकेले आये हैं और अकेले जाना है,
तो अकेले जीने में क्या हर्ज़ है ?
हम तो अंश तेरे हैं भगवन,
ये दुनिया बड़ी खुदगर्ज़ है॥
चाहा था कि करुँ कुछ और,
जिसमें कि गरिमा हमारी है।
पर असफलता झलक रही भरपूर,
क्योंकि कलिकाल अब भारी है॥
जिसको देखो दौलत का भूखा,
सबकी अब मति गई मारी है!
केशव! सबको सद्बुद्धि दे दो,
कहे ‘उमेश’,यही विनती हमारी है॥
परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।