अमल श्रीवास्तव
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)
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घर-परिवार स्पर्धा विशेष……

ममता,समता,शुचिता से युत,
नव-नूतन संसार बसाएं।
सामाजिक चेतना जगाकर,
वसुधा को परिवार बनाएं॥
खूब बढ़ा विज्ञान किंतु क्यों,
भ्रातृ-भावना मुकर गई है ?
कलुष,कालिमा चढ़ जाने से,
शक्ति हमारी बिखर गई है॥
जगत हमारा,हम जग से हैं,
जगती को महकाएंगे हम।
साथ रहेंगे मिल-जुल कर के,
हर क्षण हाथ बटाएंगे हम॥
कहीं विषमता दे न दिखाई,
समता की रस धार बहाएं।
सामाजिक चेतना जगाकर,
वसुधा को परिवार बनाएं…॥
एक बनेंगे,नेक बनेंगे,
सीचेंगे इस मानवता को।
धारण करके मंत्र सुमति का,
नष्ट करेंगे दानवता को॥
सत्यम-शिवम-सुंदरम के स्वर,
गूंजेगे सारी धरती पर।
परम पिता की स्वर लहरी से,
गमकेगी सरगम धरती पर॥
द्वेष,घृणा,प्रतिशोध भावना,
कहीं न अपना वार चलाएं।
सामाजिक चेतना जगाकर,
वसुधा को परिवार बनाएं…॥
हम सपूत धरती माता के,
मान बढ़ाते ही जाएंगे।
स्वयं रहेंगे साथ-साथ में,
औरों को भी सिखलाएंगे॥
हमको प्राणों से भी प्यारी,
इस पर ही बलि-बलि जाएंगे।
धरती के ही लिए जिएंगे,
धरती में घुल-मिल जाएंगे॥
दूषित,घृणित विचारों को हम,
इस समाज से मार भगाएं।
सामाजिक चेतना जगाकर,
वसुधा को परिवार बनाएं…॥
चिंता तज कर लाभ-हानि की,
सबमें ही खुश रहना सीखें।
व्यथा,विघ्न,बाधा,दुःख,संकट,
सब कुछ हँस-हँस सहना सीखें॥
द्वेष,दंभ,छल छोड़ प्रेम की,
सत धारा में बहना सीखें।
सत्य,अहिंसा,त्याग,शील की,
सच बातों को कहना सीखें॥
चलकर नैतिकता के पथ में,
सपने कर साकार दिखाएं।
सामाजिक चेतना जगाकर,
वसुधा को परिवार बनाएं…॥
मित्र,पड़ोसी से रिश्तों से,
कपट रहित व्यवहार करेंगे।
सुख-दुःख में सहभागी बनकर,
सहजीवन स्वीकार करेंगे॥
संत,सज्जनों को संग लेकर,
दुष्टों का प्रतिकार करेंगे।
सच्चे अर्थों में मानव बन,
पतितों का उद्धार करेंगे॥
मानवता के मूर्छित मन में,
फिर सावन सा हार चढ़ाएं।
सामाजिक चेतना जगाकर,
वसुधा को परिवार बनाएं…॥
परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैL गणित विषय से बी.एस-सी.करने के बाद ३ विषयों (हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. किया हैL आपने रामायण विशारद की भी उपाधि गीता प्रेस से प्राप्त की है,तथा दिल्ली से पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैL भारतीय संगीत में भी आपकी रूचि है,तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत में डिप्लोमा प्राप्त किया हैL इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स मुंबई द्वारा आयोजित परीक्षा `सीएआईआईबी` भी उत्तीर्ण की है। ज्योतिष में पी-एच.डी (स्वर्ण पदक)प्राप्त की हैL शतरंज के अच्छे खिलाड़ी `अमल` विभिन्न कवि सम्मलेनों,गोष्ठियों आदि में भाग लेते रहते हैंL मंच संचालन में महारथी अमल की लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैL देश की नामी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंL रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैL आप विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े हैंL आप अखिल विश्व गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। बचपन से प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैं,परन्तु महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना है। देश की विभिन्न सामाजिक और साहित्यक संस्थाओं द्वारा प्रदत्त आपको सम्मानों की संख्या शतक से भी ज्यादा है। आप बैंक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. अमल वर्तमान में बिलासपुर (छग) में रहकर ज्योतिष,साहित्य एवं अन्य माध्यमों से समाजसेवा कर रहे हैं। लेखन आपका शौक है।