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वक़्त दिखायेगा आईना

रेणू अग्रवाल
हैदराबाद(तेलंगाना)
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जीवन में मिलता मक्कार क्यों है।
होते दोगले उसके व्यवहार क्यों है।

बेचारी मासूम मछली काँटे में फंस गई,
जिंदा होती मछली शिकार क्यों है।

लूटने के लिये ज़ालिम ढूँढते भोले-भालों को,
इंसानी सूरत में रहते खूँखार क्यों हैं।

ख़ुदा कब फ़ना करेगा इन वहशियों को,
जिनकी बातों में रहता हथियार क्यों है।

गुड़ जैसी मीठी जुबाँ बोलते ज़माने से,
नेता भी होता बातों से लच्छेदार क्यों है।

संभालना ख़ुदा मासूम कलियों को,
हर फ़ूल सँग काँटे हज़ार क्यों है।

वक़्त दिखायेगा आईना उन नामुरादों को,
निशाने पर जिनके ग़ैर का प्यार क्यों है।

जो मासूम नज़र आते वही तो शैतान है,
दिमाग़ में इनके साजिशों का अंबार क्यों है।

‘रेणू’ फ़िरती अपने चमन में निडर होकर,
फ़िर लोगों को उससे रंजिशें ख़ार क्यों है॥

परिचय-रेणू अग्रवाल की जन्म तारीख ८ अक्टूबर १९६३ तथा जन्म स्थान-हैदराबाद है। रेणू अग्रवाल का निवास वर्तमान में हैदराबाद(तेलंगाना)में है। इनका स्थाई पता भी यही है। तेलंगाना राज्य की वासी रेणू जी की शिक्षा-इंटर है। कार्यक्षेत्र में आप गृहिणी हैं। सामाजिक गतिविधि के तहत समाज में शाखा की अध्यक्ष रही हैं। लेखन विधा-काव्य(कविता,गीत,ग़ज़ल आदि) है। आपको हिंदी,तेलुगु एवं इंग्लिश भाषा का ज्ञान है। प्रकाशन के नाम पर काव्य संग्रह-सिसकते एहसास(२००९) और लफ़्ज़ों में ज़िन्दगी(२०१६)है। रचनाओं का प्रकाशन कई पत्र-पत्रिकाओं में ज़ारी है। आपको प्राप्त सम्मान में सर्वश्रेष्ठ कवियित्री,स्मृति चिन्ह,१२ सम्मान-पत्र और लघु कथा में प्रथम सम्मान-पत्र है। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-गुरुजी से उज्जैन में सम्मान,कवि सम्मेलन करना और स्वागत कर आशीर्वाद मिलना है। रेणू जी की लेखनी का उद्देश्य-कोई रचना पढ़कर अपने ग़म दो मिनट के लिये भी भूल जाए और उसके चेहरे पर मुस्कान लाना है। इनके लिए प्रेरणा पुंज-हर हाल में खुशी है। विशेषज्ञता-सफ़ल माँ और कवियित्री होना है,जबकि रुचि-सबसे अधिक बस लिखना एवं पुरानी फिल्में देखना है।

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