एम.एल. नत्थानी
रायपुर(छत्तीसगढ़)
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जब बच्चों की आँखों में,
पिता झलक सी पाता है
तब उसके जीवन में भी,
नया बसंत मुसकराता है।
सहकर सृजन की वेदना,
माँ का दिल चैन पाता है
तब उसके आँचल में भी,
नया बसंत मुसकराता है।
जब पिया के घर में भी,
सदा भाई याद आता है।
सचमुच मन के आँगन में,
नया बसंत मुसकराता है॥