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षड्यंत्रों के आगे बेबस राम

संदीप धीमान 
चमोली (उत्तराखंड)
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बेबस षड्यंत्रों के आगे राम
कृष्ण सुदर्शन तेज-तर्रार,
एक रुप मर्यादित आदर्शों पर
एक कूटनीति पे करता प्रहार।

राम मारिचि करता भ्रमित
कृष्ण पूतना के छल पे वार,
लखन मुरझा,हुए राम अधूरे
दांव अभिमन्यु पे कृष्ण तैयार।

राम राजा तो कृष्ण राजनीति
एक है रण तो एक रणनीति,
लड़े राम मूल्यों को मानव
पथ मानवता को कृष्ण तैयार।

राम-सा आदर्श जीवन आरम्भ
कृष्ण बनाएं उसे समय का सार,
राम बनो पर बनो कृष्ण भी
षड्यंत्रों पर जो करना वार।

जीवन यात्रा राम अधूरी,
समापन जिसका कृष्ण न हो।
सम भाव दोनों के हर रुप में,
शस्त्र न त्यागे करने को प्रहार॥