चर्चा….
इन्दौर(मप्र)।
जीवन में व्यक्ति कितना भी अवसाद ग्रस्त हो, पुराने एलबम को देखिए, वो अवसाद से बाहर ले आएगा। इसी तरह का यह शीर्षक और संग्रह है। यह भारतीयता को मज़बूत करता संग्रह है।
यह बात मुख्य अतिथि एवं साहित्य अकादमी मप्र के निदेशक डॉ. विकास दवे ने श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति में लेखिका यशोधरा भटनागर के लघुकथा संग्रह ‘एलबम’ पर आयोजित चर्चा में कही। अध्यक्षता वरिष्ठ लघुकथाकार सतीश राठी ने की। यशोधरा भटनागर ने पुस्तक के बारे में बताया। चर्चाकार के रूप में लेखिका अन्तरा करवड़े ने कहा कि ‘पुस्तक में स्त्री की पीड़ा शामिल है। लेखिका अदिति सिंह ने कहा कि लेखिका ने पुस्तक में सभी रचनाओं को पौधे की तरह सहेजा है, और इस तरह परिपक्वता के साथ बुनी एलबम की प्रत्येक रचना महत्वपूर्ण हो गई है।
अध्यक्ष श्री राठी ने कहा कि, यशोधरा जी की रचनाओं में भाषा की यह प्रांजलता, यह लालित्य, माटी की सौंधी खुशबू, प्रकृति की गंध, जल के सकोरे में कलरव करती चिड़िया और बहुत सारे प्रकृति के चित्र से यह पुस्तक भरी पड़ी है। यही लेखिका की सफलता भी है।
चर्चा में हरेराम वाजपेयी, पद्मा राजेन्द्र, राममूरत राही, आशा जाकड़ आदि साहित्यिकजन सम्मिलित हुए। संचालन प्रीति दुबे ने किया। साहित्यकार मुकेश तिवारी ने आभार माना।
(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई)