संदीप धीमान
चमोली (उत्तराखंड)
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शिव शंकर ओ शम्भू मेरे
मुझको दास बना लेना,
एक छोर तेरे नन्दी बैठे
दूजे मुझे बैठा लेना।
भय, भूख, निद्रा और भोग
ये रोग सभी हटा देना,
नहीं कोई जीव, मुझे तुम
चरणों की धूल बना लेना।
बन औघड़, भूख में अपनी
देह भोग मेरा लगा लेना,
अपनी मुण्डों की माला में
एक मेरा मुण्ड सजा लेना।
ओ कैलाश के वासी शम्भू
मेरी अस्थि नाद बना देना,
मुख बिंदु लगा मुझको
कोई अच्छा राग बजा देना।
शिव शंकर ओ शम्भू मेरे
मुझको यह दान दया देना।
भस्म करो जो त्रिनेत्र से,
देह राख मेरी रमा लेना॥