डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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हिंदी मेरी माँ है,
संवेदना से भरी, पूरा स्नेह है
प्रगति का आधार संग,
जीवन की तेज रफ़्तार है।
एक झूठी मृगतृष्णा नहीं,
जीवन की अभिलाषा है
जीवन्त रूप में जीवन की एक,
सटीक व सुन्दर परिभाषा है।
दुर्गम रास्ते पर श्वांस है,
हर पल हर का साथ हूँ
फिर भी मरहूम बनी,
मृत्यु शैय्या पर लेटी लाश हूँ।
सर्वत्र विराजमान हूँ,
अभिमान नहीं रखती हूँ
तिरस्कृत रहकर भी,
सबके हृदय में साथ हूँ।
मैं अलौकिक और सर्वथा सत्य हूँ,
मुश्किल वक्त में तन्हा नहीं रहने का
भरपूर जोश और उत्साह रखती हूँ,
तिरस्कृत रहने पर मजबूर दिखती हूँ।
इतिहास बताता है,
मेरी एक विरासत रही है खूबसूरत यहां
विशालकाय और अद्भुत,
संस्कृति रही है यहां।
इतनी सुनी और अद्भुत श्रंगार है,
फिर भी उपेक्षा का शिकार हूँ
दुनिया की जानी-मानी बदनसीब हिंदी हूँ,
खुद को कमजोर होती देखती रहती हूँ।
अपमानित किया जाता है सदैव,
नहीं सम्मान है यहां हृदय में, जनसमुदाय में
मुश्किल वक्त में तन्हा रहने के लिए बाध्य हूँ,
अपनों से ही स्वयं को लज्जित कराती रहती हूँ।
कुछ देर के लिए सम्मान दिवस का शोर रहता है,
फिर बदनसीबी का दौर शुरू हो जाता है
समर्पण भाव से फिर भी मैं एक संस्कार की पहचान हूँ,
अपने देश और वतन की एक उन्नत शान हूँ।
लगता है कि अपने हिन्द में एक मेहमान हूँ,
फिर भी, आज भी हिन्दुस्तान की पहचान हूँ।
आओ हम-सब मिलकर एक सम्बल प्रयास करें,
जिन्दगी के सफ़र में आगे बढ़ने का दुस्साहस करें॥
परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।