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अमर सुहाग

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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करवा चौथ विशेष….

हे करवा के चाँद, करती हूँ मैं व्रत,
हे चौथ माता, सुनिए हमारी अर्ज।

हे गणेश कर रही हूँ आपकी पूजा,
अमर सुहाग करिए, मांग यही पूजा।

सुहाग फल को आँचल में दीजिए,
गौ दूध जल की धार मंजूर कीजिए।

आप हो अमर सुहाग के वरदानी,
सुहागिनों के माथे पे है ये निशानी।

चरण वन्दना, कोटि नमन आपको,
अमर सुहाग के दाता वंदन आपको।

नीलगगन में चमकते वरदानी चाँद,
अमर करिए हमारे पिया को, चाँद।

बड़े सौभाग्य का करवा का पर्व है,
नारी को करवा पर्व पे बहुत गर्व है।

दो-दो चाँद को देखती हैं सुहागन,
एक चाँद गगन में, दूजा मेरे आँगन।

सुहागन चलनी से देखी है चाँद को,
लाल सिन्दूर से, भर ली है माँग को।

लगाकर पैरों में लाल-लाल महावर,
चाँद से माँगा अमर सुहाग का वर॥

परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है |