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‘कालरात्रि’ करती जग कल्याण

अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘कालरात्रि’,
स्वरूप भयानक,
करती जग कल्याण,
अनंत ज्ञान
चमके।

‘कालरात्रि’,
शांति संदेश
अंधकार में चमके,
महाकाली जयकारा
उजियारा ।

‘कालरात्रि’,
जटा गंगा
अंत करे दु:ख,
दुष्ट अंत
तैयार।

‘कालरात्रि’,
सृष्टि जगाए
दिलाए तम मुक्ति,
प्रकट प्रकाश
महाकाली।

‘कालरात्रि’,
ममता सागर
तुम संहारिणी शक्ति।
साधक दिशा,
आधार॥