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साहित्य अकादमी की नव पहल कृष्णकुमार अष्ठाना स्मृति प्रसंग

इंदौर (मप्र)। प्रख्यात बाल साहित्यकार कृष्ण कुमार अष्ठाना अब संस्कृति मंत्रालय के कला पंचांग में सम्मिलित होकर प्रतिवर्ष स्मरण किए जाएंगे। उनको यह श्रद्धासुमन बाल साहित्य विमर्श के रूप में प्रस्तुत किए जाएंगे। बाल साहित्य में रुचि रखने वाले सभी साहित्यकार एवं शोधार्थियों के लिए यह शुभ सूचना है कि राष्ट्रीय स्तर की यह संगोष्ठी इसी वर्ष से इंदौर से २२ मार्च से प्रारंभ हो रही है।
साहित्य अकादमी मप्र के निदेशक डॉ. विकास दवे ने बताया कि इंदौर में हो रही बाल साहित्य की राष्ट्रीय संगोष्ठी एक स्वस्थ विमर्श प्रतिवर्ष देश और समाज को सौंपेगी। इसमें देशभर से बाल साहित्य लेखन की कई विभूतियाँ सहभागिता करेंगी। २२ मार्च की प्रातः ११ बजे से २३ मार्च की दोपहर ३ बजे तक यह विमर्श स्व. अष्ठाना को स्मरण करते हुए उनके ही कार्यक्षेत्र ‘देवपुत्र’ के सभागार (संवाद नगर) में होगा।
मप्र के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी की प्रेरणा से यह आयोजन मूर्त रूप ले रहा है। इसके आयोजन में करीब ३० बाल रचनाकार विमर्श करेंगे।