हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
************************************
बेटी खुशी है,
सुख है समृद्धि है
बेटी आशा है,
बेटी भाग्य है, विधाता है।
नन्हें कदमों में वह लक्ष्मी,
कर्म में वह सरस्वती
माँ-बाप का आधार है,
बेटी भाग्य है, विधाता है।
बेटी घर का मान है, मर्यादा है,
दो परिवारों का मजबूत नाता है
रिश्तों की डोर है, वह मजबूती में सिरमौर है,
बेटी भाग्य है, विधाता है।
जिनके घर बेटी है,
वह किस्मत वाले, सबसे ज्यादा धनवान हैं
उन बेटियों के ईश्वर पर बहुत एहसान हैं,
बेटी भाग्य है, विधाता है।
माँ-बाप के लिए बेटी कभी पराया धन न हो,
वह जहां जाए, वहां भण्डार भर जाए।
क्योंकि बेटी खुशी है, सुख है, समृद्धि है,
बेटी भाग्य है, विधाता है॥