रायपुर (छग) |
मंच के हास्य सम्राट और प्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ. सुरेंद्र दुबे का ७२ वर्ष की उम्र में रायपुर में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को देवेंद्र नगर स्थित मुक्तिधाम में किया गया। इनके निधन पर हिन्दीभाषा.कॉम परिवार सहित अनेक संस्थाओं और लेखकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।
सुरेंद्र दुबे को उनके असाधारण योगदान के लिए वर्ष २०१० में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। कुछ महीने पहले ही अल्हड़ बीकानेरी राष्ट्रीय हास्य रत्न से भी सम्मानित किया गया था। आप छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे कवि रहे, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और सम्मान मिला।
हिन्दीभाषा.कॉम के संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने निधन पर कहा कि स्वस्थ हास्य का एक कुशल चितेरा सबको छोड़कर चला गया है।
◾ प्रेरणा सभा द्वारा श्रद्धा-सुमन अर्पित
पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे के असामायिक निधन पर प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा (जबलपुर) के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है। डॉ. मुकुल तिवारी, तरुणा खरे ‘तनु’, प्रीति नामदेव ‘भूमिजा’, गुलजारी लाल जैन, विजय शंकर पाण्डेय, पवनेश मिश्रा और मंजू अशोक राजाभोज ने भी श्रद्धांजलि दी है। श्री त्रिपाठी के अनुसार सुरेन्द्र दुबे को को लोगों को हँसाने में महारत हासिल थी। आप अत्यंत मृदुभाषी और सरल, सज्जन व्यक्ति थे। आपकी रचनाएं आजीवन लोगों को हँसातीं रहीं, पर आप जाते-जाते सबको रुला गए। आपके जाने से हिंदी साहित्य जगत को जो नुकसान हुआ है, उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता है।