कुल पृष्ठ दर्शन : 68

You are currently viewing काम करो, कुछ काम करो

काम करो, कुछ काम करो

हिमांशु हाड़गे
बालाघाट (मध्यप्रदेश)
****************************************

काम करो कुछ, काम करो,
आराम नाम की नींद को
अब हराम करो,
उठो युवाओं, जागकर कुछ काम करो।

बीत रहा था जीवन तेरा,
अंधियारों की घाटी में
अब जागकर होश में आओ,
काम करो, कुछ काम करो।

सपने पूरे हों बड़े-बड़े,
गाड़ी-बंगला-कारों के
समय भी तेरा साथ देगा,
जब निकल पड़ेगा राहों पे
काम करो, कुछ काम करो।

कठिनाई तेरे जीवन में,
महंगाई शहरभर छाई
भाग-दौड़ की ज़िंदगानी,
हम सबकी यही कहानी।
काम करो, कुछ काम करो।

बवंडर बनकर निकल पड़ो,
रोक सकेगा कौन तुम्हें ?
हारी बाजी जीत जाओगे,
समय लगा दो काम पर।
काम करो, कुछ काम करो।

रुकना अब संकटकारी,
थकना हुआ, भयंकर भारी
रात करो या दिन करो,
अब तो कुछ काम करो।
काम करो, कुछ काम करो,
काम करो, कुछ काम करो॥