कुल पृष्ठ दर्शन : 23

मन शिव पुकारे

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’
सहारनपुर (उप्र)
**************************************************

सावन बरस रहा मेरे द्वारे।
लगन लगी मन शिव को पुकारे॥

कड़क रही है ‌बिजुरी ऐसे,
तड़प रही ‌मैं बिरहन जैसे।
काल की गणना साँस-साँस में,
अब तो पधारो द्वार हमारे।
लगन लगी मन…॥

जब से खेल माया पहचाना,
मन से कोई‌ न अपना माना।
चित्त-प्राण शिव कह के व्याकुल,
छिन-दिन पल-पल सांझ-सकारे।
लगन लगी मन…॥

सावन बरसे शिव पर शीतल,
मन उमड़े भक्ति-सुर बादल।
शिव की छवि मन गगन तला-तल,
शिव श्रद्धा विश्वास हमारे।
लगन लगी मन…॥

सावन की हर बूँद लिखूं शिव,
चरणाश्रित हो भाव भजूं शिव।
कर‌ के कृपा दें अविचल भक्ति,
शिव करुणेश्वर मेरे प्यारे।
लगन लगी मन…॥

भक्ति-भाव मेरे सुंदर गहने,
मन इठलाती पहने-पहने।
हूँ प्रसन्न ‘शिवदासी’ बन कर,
मन से तिरस्कृत वैभव सारे।
लगन लगी मन…॥

सावन बरस रहा मेरे द्वारे।
लगन लगी मन शिव को पुकारे॥