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साहित्य, कला और संगीत का आपसी संबंध अद्भुत-प्रो. खरे

पटना (बिहार)।

साहित्य, कला और संगीत का आपसी संबंध अद्भुत है। सम्मेलन के संयोजक सिद्धेश्वर जी स्वयं कुशल साहित्यकार और कलाकार हैं।
यह विचार मुख्य अतिथि डॉ. शरद नारायण खरे (मंडला, मध्य प्रदेश) ने व्यक्त किए। मौका था
भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान में हुई आभासी साहित्य पाठशाला-कार्यशाला का, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ लेखिका केकी कृष्णा ने की। कार्यशाला संयोजक सिद्धेश्वर जी ने कहा कि
साहित्य, चित्रकला और संगीत, संसार के कण-कण में समाए हुए हैं। चित्रकला हमारी आँखों में सौंदर्य भर देती है। जब हम प्राकृतिक दृश्यों को कला के माध्यम से देखते हैं तो उसका सौंदर्य और अधिक प्रभावशाली हो जाता है।
उन्होंने बताया कि कलाकृति और संगीत सप्ताह में साहित्यकारों द्वारा भी रचनाएँ प्रस्तुत की गई थीं। इससे यह प्रतीत होता है कि साहित्य, कला और संगीत के बीच एक गहरा आत्मीय संबंध है।
प्रभारी राजप्रिया रानी ने सबका आभार प्रकट किया।