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आओ कर लें नमन

डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती
बिलासपुर (छतीसगढ़)
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सूर्य का ऊर्जावान प्रकाश,
हमेशा हमारे साथ है
चाँद की रुपहली चमक,
रात भर उज्ज्वल है।

सितारे आसमान पर,
झिलमिलाते हैं धीमे-धीमे
धरती माँ ने दिया है देखो,
अपना ममता भरा आँचल।

नीले गगन के नीचे परिंदों की तरह,
खुली साँस ले सकते हैं हम
नदियाँ दें जीवनदायिनी जल,
ऊँचे पर्वत रक्षक हैं सीमा पर।

वृक्ष दें हमें ताजी पवन,
अनाज, फल और शरण
चिड़िया चहके बगिया महके,
हो जाए मन प्रफुल्लित सुन प्रकृति की धुन।

जीवन में मिली इन,
अमूल्य धरोहरों को।
आओ कर लें हम सब नमन,
संकल्प लें कि करें इनका खूब जतन॥