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सच्चा शिक्षक वह कहलाए

दृष्टि भानुशाली
नवी मुंबई(महाराष्ट्र) 
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शिक्षक दिवस विशेष………..

यह खूबसूरत जीवन देने वाले,
माता-पिता हैं हमारे जीवन दाता।
जो जिंदगी की खूबसूरती से वाकिफ कराए,
वही एक सच्चा शिक्षक कहलाता।

यह जीवन है एक कोरे कागज-सा,
जिसे रंगों से भरना एक शिक्षक है सिखाता।
उन पुस्तकों के पाठ पढ़ाते-पढ़ाते,
हमें जीवन के पाठ एक शिक्षक है पढ़ाता।

प्रेम से एक प्रेमी बनता है,
और ज्ञान से ही एक ज्ञानी।
माँ सरस्वती का वास होता है जिसमें,
वो है हमारे शिक्षकों की वाणी।

भिन्न कलाएं दी है ईश्वर ने हमें,
और उनसे परिचय कराते हैं हमारे शिक्षक।
एक बेहतरीन कलाकार हमें बनाने की,
वे कोशिश करते हैं हर वक्त।

जाति-पाति का भेद मिटाकर,
केवल एक धर्म निभाना सिखाए।
ना हिंदू बन,ना ही मुसलमान,
एक भारतीय बनकर चलना सिखाए।

एक सच्चा विद्यार्थी बनाते-बनाते,
जो अच्छा इंसान बनना सिखाए।
सदैव इमानदारी के मार्ग पर चलने वाला,
एक सच्चा शिक्षक वह कहलाए॥

परिचय-दृष्टि जगदीश भानुशाली मेधावी छात्रा,अच्छी खिलाड़ी और लेखन की शौकीन भी है। इनकी जन्म तारीख ११ अप्रैल २००४ तथा जन्म स्थान-मुंबई है। वर्तमान पता कोपरखैरने(नवी मुंबई) है। फिलहाल नवी मुम्बई स्थित निजी विद्यालय में अध्ययनरत है। आपकी विशेष उपलब्धियों में शिक्षा में ७ पुरस्कार मिलना है,तो औरंगाबाद में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए फुटबाल खेल में प्रथम स्थान पाया है। लेखन,कहानी और कविता बोलने की स्पर्धाओं में लगातार द्वितीय स्थान की उपलब्धि भी है,जबकि हिंदी भाषण स्पर्धा में प्रथम रही है।